श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisha:
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है जिन्होंने अवधि भाषा मे "श्रीरामचरितमानस" की रचना की थी, गोस्वामी जी ने श्रीराम के परम भक्त और अतुलित बल एवं बुद्धि के स्वामी श्रीहनुमान जी के वर्णन में हनुमान चालीसा की रचना की थी। गोस्वामी जी कहते है "हरि अनंत हरि कथा अनंता" अतः चालीसा का सम्पूर्ण वर्णन तो असंभव है इसलिए अपने ज्ञान अनुआर अर्थ है:
॥चौपाई 9॥
॥सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा,
विकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥
अर्थ
हे महाबली हनुमानजी आप बुद्धि के सागर है आप स्थिति के अनुसार अपने रूप को धारण कर लेते है अतः जब आपने माता सीता से भेट कि तो लघु रूप धारण किया, तथा विकराल स्वरूप अपने धारण किया जब लंका दहन करने लगे।
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