श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisha:
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है जिन्होंने अवधि भाषा मे श्री राम चरित मानस की रचना की था, गोस्वामी जी ने श्री राम के परम भक्त और अतुलित बल एवं बुद्धि के स्वामी श्री हनुमान जी के वर्णन में चालीसा की रचना की थी। गोस्वामी जी कहते है "हरि अनंत हरि कथा अनंता" अतः चालीसा का सम्पूर्ण वर्णन तो असंभव है इसलिए अपने ज्ञान अनुआर अर्थ है:
॥चौपाई १॥
॥जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
अर्थ:
श्री हनुमान जी! आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है जिसका कोई ओर या छोर नही है न ही इसका आदि और अंत है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति फैली हुई है, और इस कीर्ति से ये तीनो लोको में उजाला फैला हुआ है।चौपाई के अर्थ विस्तार सहित:
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