श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisha:
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है जिन्होंने अवधि भाषा मे "श्रीरामचरितमानस" की रचना की थी, गोस्वामी जी ने श्रीराम के परम भक्त और अतुलित बल एवं बुद्धि के स्वामी श्रीहनुमान जी के वर्णन में हनुमान चालीसा की रचना की थी। गोस्वामी जी कहते है "हरि अनंत हरि कथा अनंता" अतः चालीसा का सम्पूर्ण वर्णन तो असंभव है इसलिए अपने ज्ञान अनुआर अर्थ है:
॥चौपाई 5॥
॥हाँथ बज्र आयु ध्वजा विराजे
कांधे मुंज जनेऊ साजे॥5॥
अर्थ
हे प्रभु आपने बलशाली हांथो में बज्र के समान अस्त्र को धारण किया हुआ है और ध्वजा लिए हुए है जो यह प्रतीत करता है शत्रुओं का नाश करने के लिए योद्धा के समान सदा तत्पर है, तथा अपने कंधों में पवित्र जनेऊ धारण किया है।
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