श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisha:
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है जिन्होंने अवधि भाषा मे "श्रीरामचरितमानस" की रचना की थी, गोस्वामी जी ने श्रीराम के परम भक्त और अतुलित बल एवं बुद्धि के स्वामी श्रीहनुमान जी के वर्णन में हनुमान चालीसा की रचना की थी। गोस्वामी जी कहते है "हरि अनंत हरि कथा अनंता" अतः चालीसा का सम्पूर्ण वर्णन तो असंभव है इसलिए अपने ज्ञान अनुआर अर्थ है:
॥चौपाई 8॥
॥प्रभु चरित्र सुनवे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया॥8॥
अर्थ
महाबलि हनुमान जी को प्रभु श्री राम के चरित्र को सुनने का रस लेने के लिए सदा तत्पर रहते है। हनुमान जी के मन मे राम लखन तथा सीता हमेशा बास करते है या यूं कहें कि इन सब के मन मे अपने सेवा धर्म के अनुपालन करने के कारण हनुमान जी सदा बसे रहते है।
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