श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisha:
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है जिन्होंने अवधि भाषा मे "श्रीरामचरितमानस" की रचना की थी, गोस्वामी जी ने श्रीराम के परम भक्त और अतुलित बल एवं बुद्धि के स्वामी श्रीहनुमान जी के वर्णन में हनुमान चालीसा की रचना की थी। गोस्वामी जी कहते है "हरि अनंत हरि कथा अनंता" अतः चालीसा का सम्पूर्ण वर्णन तो असंभव है इसलिए अपने ज्ञान अनुआर अर्थ है:
॥चौपाई 7॥
॥विद्यावान गुणी अति चातुर,
राम काज करबे को आतुर॥7॥
अर्थ
गोस्वामी जी ने इस चौपाई में समस्त गुणों को चरितार्थ किया है, गोस्वामी जी कहते है भगवन आप विद्या और गुणों के सागर है तथा आप समस्त कार्यो को अति चतुराई के साथ करते है। हे महाबली आप प्रभु श्रीराम के समस्त कार्यो को करने के लिए सदा आतुर रहते है।
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