श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisha:
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है जिन्होंने अवधि भाषा मे "श्रीरामचरितमानस" की रचना की थी, गोस्वामी जी ने श्रीराम के परम भक्त और अतुलित बल एवं बुद्धि के स्वामी श्रीहनुमान जी के वर्णन में हनुमान चालीसा की रचना की थी। गोस्वामी जी कहते है "हरि अनंत हरि कथा अनंता" अतः चालीसा का सम्पूर्ण वर्णन तो असंभव है इसलिए अपने ज्ञान अनुआर अर्थ है:
॥चौपाई 6॥
॥संकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥
अर्थ
श्री हनुमान जी आप भगवान संकर के अंश है अतः आप भगवान शंकर का अवतार है , तथा आपके पिता केशरी जी है। आपके महान तेज और बल एवं बुद्धि के पराक्रम की वंदना सारा जगत कर रहा है।
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