श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisha:
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी है जिन्होंने अवधि भाषा मे "श्रीरामचरितमानस" की रचना की थी, गोस्वामी जी ने श्रीराम के परम भक्त और अतुलित बल एवं बुद्धि के स्वामी श्रीहनुमान जी के वर्णन में हनुमान चालीसा की रचना की थी। गोस्वामी जी कहते है "हरि अनंत हरि कथा अनंता" अतः चालीसा का सम्पूर्ण वर्णन तो असंभव है इसलिए अपने ज्ञान अनुआर अर्थ है:
॥चौपाई 4॥
॥कंचन बरन बिराज सुबेसा,
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥
अर्थ
हे भगवान आपका शरीर सुनहरे रंग का है, अपने अपने शरीर मे सुंदर वस्त्र तथा कानो में कुंडल धारण किया हुआ है। आपके सुंदर घुंघराले बालों के कारण आप अत्यंत सोभायमन हो रहे है।
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